सरसों के तेल की संरचना, उसके घटकों को समझना।

सरसों का तेल मुख्यतः कई घटकों से बना होता है, जिनमें शामिल हैं:

फैटी एसिड: सरसों के तेल का प्रमुख घटक फैटी एसिड है। इनमें ओलिक एसिड, लिनोलिक एसिड और इरुसिक एसिड शामिल हैं। इरुसिक एसिड विशेष रूप से सरसों के तेल में प्रचुर मात्रा में होता है और तेल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना सकता है।

ग्लाइकोसाइड्स: सरसों के तेल में ग्लाइकोसाइड्स होते हैं, जैसे कि सिनिग्रिन और सिनाल्बिन। ये ग्लाइकोसाइड सरसों के तेल के तीखे स्वाद और विशिष्ट सुगंध के लिए जिम्मेदार हैं।

आवश्यक तेल: सरसों के तेल में आवश्यक तेल भी होते हैं, जो इसके मजबूत स्वाद में योगदान करते हैं। इन तेलों में एलिल आइसोथियोसाइनेट शामिल है, जो सरसों के तेल को गर्म करने पर निकलता है।

फ़ेनोलिक यौगिक: सरसों के तेल में फ़ेनोलिक यौगिक होते हैं, जो अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए जाने जाते हैं।

विटामिन: इसमें विटामिन ई और विटामिन के जैसे विटामिन होते हैं।

खनिज: सरसों के तेल में कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे खनिज होते हैं।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सरसों के तेल की संरचना प्रयुक्त सरसों के बीज के प्रकार और प्रसंस्करण विधि जैसे कारकों के आधार पर भिन्न हो सकती है। इसके अतिरिक्त, सरसों के तेल में इरुसिक एसिड की मात्रा अलग-अलग किस्मों में भिन्न हो सकती है, कुछ किस्मों में इरुसिक एसिड की मात्रा कम होती है और उपभोग के लिए सुरक्षित मानी जाती है।

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